जगदलपुर– समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारियों पर सहकारी समिति कर्मचारियों की हड़ताल ने गहरा संकट खड़ा कर दिया है। राज्य भर के सहकारी समितियों के प्रबंधक, खरीदी प्रभारी और ऑपरेटर 3 नवंबर से अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, वहीं केंद्रीय सहकारी बैंक के कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं। इसका सीधा असर जिले सहित पूरे प्रदेश की खरीदी तैयारियों पर पड़ रहा है, जिससे 17 नवंबर से निर्धारित धान खरीदी के शुरू होने की संभावना कम होती दिख रही है। धान खरीदी सॉफ्टवेयर का ट्रायल रन भी नहीं हो पाया है, जिससे तकनीकी व्यवधान की आशंका बनी हुई है। धान खरीदी केंद्रों में अभी तक ऑनलाइन धान खरीदी का सॉफ्टवेयर इंस्टॉल नहीं हुआ है।
ज्ञात हो कि आज तक की स्थिति में कई समितियो में ताले लगे हुए है। इस बीच प्रशासन धान खरीदी सुनिश्चित करने के लिए पटवारियों और कृषि विस्तार अधिकारियों को समिति प्रबंधक की जिम्मेदारी सौंपकर ड्यूटी लगा दी है। समिति के प्राधिकृत अधिकारियों को संचालन की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी गयी है। हालांकि, यह व्यवस्था भी कई चुनौतियों से घिरी हुई है। हड़ताल के कारण न तो खरीदी के लिए आबंटित फड़ की सफाई हो पाई है, न ही किसानों को टोकन काटने का काम शुरू हो सका है, और न ही तौलने के लिए हमाल की व्यवस्था की गई है। वहीं फार्म-बी तैयार नहीं हैं और बारदाने की व्यवस्था भी अधूरी है। कुछ केंद्रों में बारदाने तो पहुंच गए हैं, लेकिन उनका भौतिक सत्यापन नहीं हुआ है। कंप्यूटर ऑपरेटर संघ और सहकारी समिति प्रबंधक संघ का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती, वे हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे। उनका आरोप है कि सरकार ने चुनावी वादों को पूरा नहीं किया और उनकी समस्याओं की अनदेखी की जा रही है।
सहकारी समिति कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से धान खरीदी पर – संकट
