जगदलपुर– छत्तीसगढ़ में जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ी बाजार दरों में हालिया बढ़ोतरी के बाद पूरे प्रदेश में नाराज़गी तेज हो गई है। रियल एस्टेट से जुड़े कारोबारियों और बिचौलियों ने इस निर्णय को आम जनता पर प्रत्यक्ष बोझ बताते हुए विरोध प्रकट किया है। उनका कहना है कि पहले से ही महंगी होती जमीन अब आम नागरिक की पहुंच से और अधिक दूर हो जाएगी। इधर, उप पंजीयक कार्यालय जगदलपुर ने बढ़ी हुई दरों को लेकर फैलाई जा रही 300 से 400 प्रतिशत वृद्धि जैसी बातों को गलत बताते हुए स्पष्ट किया कि दरों में वास्तविक बढ़ोतरी 50 से 100 प्रतिशत के बीच है। अधिकारियों के मुताबिक कई वर्षों से भूमि दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया था, इसी कारण सरकार ने नई दरें लागू करने का निर्णय लिया है। संशोधित बाजार दरें 20 नवंबर से प्रभावी हो चुकी हैं। उप पंजीयक ने यह भी स्पष्ट किया कि बाजार दरों में वृद्धि के बावजूद स्टाम्प ड्यूटी एवं रजिस्ट्री शुल्क में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है। दोनों शुल्क पहले की तरह ही लागू रहेंगे, जिससे पंजीयन की प्रक्रिया में कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं जोड़ा गया है। उधर, जमीन कारोबारियों का कहना है कि बाजार दर बढ़ते ही जमीन की खरीद-बिक्री दोनों महंगी हो जाएँगी, जिसका सीधा असर आम खरीदारों पर पड़ेगा। उन्होंने सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की है। इस विषय पर जब भाजपा जिला अध्यक्ष से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि उन्हें अभी इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त नहीं हुई है, परन्तु उन्हें विश्वास है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए ही कोई निर्णय लेंगे।
जमीन की बाजार दर बढ़ने पर विरोध तेज कारोबारियों ने कहा जनता पर बढ़ा बोझ
